Straight from the Heart
Nov 15, 20201 min
रवि कुमार गहतराज
हर तरफ त्योहार का मौसम छाया है,
हर घर प्रकाश से जगमगाया है l
हर चेहरे पर खुशियां छाई है,
हर दिल प्यार से मुस्कुराया है ll
पर कुछ घरों में अब भी अंधेरा है,
कुछ चेहरों में भूखमरी का डेरा है l
फुटपाथ में,
छोटे से कंबल से खुद को ढके हुए हैं,
मानो जैसे जिंदगी ने उनसे मुंह फेरा है ll
कहीं दूर बच्चे कचरे में कुछ ढूंढ रहे हैं,
खुद के लिए शायद वहां से कुछ उपहार ढूंढ रहे हैं l
न जाने आज कितनों के नजरे सवाली है,
मानो जैसे पूछ रहे हो,
यह कैसी हैप्पी दिवाली है ?
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Poet Ravi Kr. Gahatraj
studied M.Sc. in Electronics,
currently works at CPWD and
lives in Guwahati
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